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गीतांजलि श्री: यहाँ हाथी रहते थे (Hindi language, 2012, राजकमल प्रकाशन)

यहाँ हाथी रहते थे by 

कुछ ज़्यादा ही तेज़ी से बदलते हमारे इस वक़्त को बारीकी से देखती प्रख्यात कथाकार गीतांजलि श्री की ग्यारह कहानियाँ …